प्रसंग-पारिजात(काव्य संग्रह) और कुछ अन्य कविताएँ
Saturday, January 3, 2009
नव वर्ष पर ..
नए वर्ष में नई नई ज्योति से
नव प्रकाश हो धरती पर
हर्षित हो संसार-सकल
कलुषित तम को क्षीणित कर
हम चलें निरंतर उन्नति पथ पर
करते जयघोष दिशाओं में
पायें सब अपने आशय को
प्रत्येक विषम दशाओं में ।
नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं......
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