प्रसंग-पारिजात(काव्य संग्रह) और कुछ अन्य कविताएँ
Saturday, December 26, 2009
शांति
किसी का होना न होना
निर्भर नहीं करता
हमारे होने से
न समय ही रुकता है
हमारे सोने से
सुख का अज्ञान
दुःख के ज्ञान से
पराजित होता है
कभी-कभी शांति के लिए
बहुत सारी चीजों का खोना
जरूरी होता है ........
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