प्रसंग-पारिजात(काव्य संग्रह) और कुछ अन्य कविताएँ
Saturday, December 20, 2008
प्रेम-बोध
जब मेरा प्यार
तुम्हारे लिए
अहंकार का कारण बना
और तुम्हारे द्वारा दिया तिरस्कार
मेरे आत्मबोध का ;
मैंने तुम्हे धन्यवाद दिया
ईश्वर का प्रतिनिधि मानकर
और खुश हुआ
ईश्वरीय प्रेम पाकर .
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