Monday, April 7, 2008

तुम आई तो....

तुमने मेरा प्यार नही स्वीकार किया
तो क्या मैं खुश हूँ
मेरे कहने पर तुम आई तो
हाँ न सही
न कह पाई तो
सोच रहा हूँ
मेरे कहने पर तुम क्यों आई
तुम्हे वहाँ आने का
समय याद तो होगा
जहाँ कहा था मैंने तुमसे
मेरा मिलना होगा
तुम तैयार हुई होगी
कपड़े बदले होंगे
बल संवारे होंगे
दर्पण में चेहरा देखा होगा
ये सब करते हुए
तुम्हारा मन
मुझे याद तो करता होगा ?
मैं खुश हूँ
मेरा प्यार क्षणिक ही अपनाया
तो क्या
दिया जबाब दो टूक
मेरा दिल टूटा
तो क्या
अब तक थी तस्वीर तुम्हारी
एक आईने में
टूट गया दिल
देख रहा हूँ
कई मायनों में
तुमने मेरा प्यार नही स्वीकार किया
तो क्या
मैं खुश हूँ
मेरे कहने पर तुम आई तो
हाँ न सही
न कह पाई तो .........

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