प्रसंग-पारिजात(काव्य संग्रह) और कुछ अन्य कविताएँ
Sunday, April 6, 2008
सापेक्ष
कभी भी
किसी से कोई
संतुष्ट नही होता
क्योंकि -
कोई भी किसी के सापेक्ष
परिपूर्ण नही होता
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