तुम्हारा ही स्मरण करके
लिख पता हूँ
वो जो जीवन की भाषा है
मेरे लिए एक उम्मीद एक आशा है
पतझर के बाद का मौसम
वो जो हमारा है तुम्हारा है
तमन्नाएँ पूरी कर देने वाला
एक टूटता सितारा है
सिर्फ इसलिए की -
हमारी संवेदनाओं में प्रतिबिम्बित
एक चेहरा तुम्हारा है..........
No comments:
Post a Comment