Monday, March 17, 2008

टूटना

मैं और तुम
एक दूसरे के पर्याय
लगते थे कभी
आज दूर हैं इतने की
शायद पहचानते नही
लेकिन क्यों ?
क्या मेरा तुम्हारा रिश्ता
ख़त्म हो गया ?
-नही
रिश्ते तो कभी नही बदलते
मौसमों की तरह
फ़िर ?
हाँ ! याद आया
तुमने कहा था एक बार
शायद अन्तिम बार
-मेरा तुमसे कोई स्वार्थ नही
-मेरा तुमसे ....

No comments: